Uttar Pradesh politics :पहले व दूसरे चरण के प्रत्याशियों में सभी बड़े नाम शामिल
मंत्री व बड़े चेहरों को मिली तवज्जो, कोई मुस्लिम चेहरा नहीं
लखनऊ (ब्यूरो)। भाजपा आलाकमान ने शनिवार को यूपी विधान सभा चुनाव के लिए पहले व दूसरे चरण के 107 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गोरखपुर व केशव मौर्य सिराथू से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही योगी को अयोध्या से चुनाव लड़ाने की चल रहीं अटकलों पर भी विराम लग गया।
Uttar Pradesh politics : मुस्लिम चेहरे को प्रत्याशी नहीं बनाया
दूसरी ओर पहली सूची में लगभग सभी बड़े नाम शामिल किये गये हैं। नये चेहरों के साथ आधी आबादी को भी इस बार तवज्जो मिली है। इस बार भी किसी मुस्लिम चेहरे को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।
दिल्ली में पार्टी के यूपी प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फे्रस कर 107 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रहा।
वह गोरखपुर शहर से उम्मीदवार होंगे। पहले उनका नाम अयोध्या से तय माना जा रहा था।
सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर पार्टी ने सभी अनुमान को फेल कर दिया है। दरअसल योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर हैंडल पर कुछ दिनों पहले लिखा था कि मैं विधान सभा चुनाव लडऩे के लिए तैयार हूं।
पार्टी जहां से कहेगी वहां से लड़ूंगा। इसके बाद कयास लगाये जा रहे थे कि वह अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि राममंदिर भाजपा का चुनावी एजेंडा रहा है।
इसके अलावा गोरखपुर शहर सीट योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे सेफ इसलिए मानी जा रही है क्योंकि 1967 के बाद से बीजेपी और जनसंघ यहां से नहीं हारी।
सिर्फ 2002 में एक बार हारी थी। हार अखिल भारतीय हिंदू महासभा के हाथों हुई थी। तब महासभा के उम्मीदवार डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल थे जिन्हें 39 प्रतिशत वोट और बीजेपी उम्मीदवार शिव प्रताप शुक्ला को 14 प्रतिशत वोट मिले थे।
इसके बाद से लगातार बीजेपी यहां से जीतती आ रही है। पार्टी आलाकमान ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर भी सेफ जगह ही चुनी है।
वह सिराथू से उम्मीदवार होंगे। यहां पर जातीय गणित भी मौर्य के पक्ष में माना जाता है। पहली सूची में लगभग सभी बड़े नाम शामिल हैं।
मंत्री व उन विधायकों के नाम शामिल किये गये हैं जो राजनीतिक कद रखते हैं। इनमें मंत्री सुरेश राणा, राजनाथ के पुत्र पंकज सिंह, संगीत सोम, श्रीकांत शर्मा, धर्मपाल सिंह, डॉ यशवंत सिंह व बलदेव सिंह ओलख शामिल हैं।
इसके अलावा पहली सूची में 44 ओबीसी, 19 एससी और 10 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है। 63 विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है।
20 विधायकों के टिकट भी काटे गये हैं। इसी के साथ 21 नए चेहरों भरोसा किया गया है। बीजेपी के इस कदम को पिछड़ों के वोटों के लिए बड़ा दांव माना जा रहा है।