UP Election 2022 : चुनाव आयोग को लिखे पत्र में समाजवादी पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक फरवरी को मेरठ के सिवालखास और किठौर में एक जनसभा के दौरान
‘लाल टोपी मतलब दंगाई और हिस्ट्रीशीटर’ जैसे शब्दों का उपयोग किया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि ‘कैराना,
मुजफ्फरनगर में जो गर्मी दिखाई पड़ रही है, वह सब शांत हो जाएगी।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग की जा रही ‘भाषा’ पर समाजवादी पार्टी ने आपत्ति जताई है।
चुनाव आयोग को पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी ने एक पैनल के द्वारा मुख्यमंत्री के द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा की जांच करने और उस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
सपा ने आरोप लगाया है कि ‘लाल टोपी का मतलब दंगाई’ बताकर योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में उनके नेता अखिलेश यादव पर व्यक्तिगत निशाना साध रहे हैं।
लाल टोपी को गुंडों और माफियाओं से जोड़कर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया गया है।
पार्टी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री के इस तरह के बयानों के कारण उनके चुनाव लड़ने और प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। हालांकि,
भाजपा ने मुख्यमंत्री की भाषा को अपराधियों के लिए उपयोग की गई भाषा बताते हुए इसका बचाव किया है।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में समाजवादी पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक फरवरी को मेरठ के सिवालखास और,
किठौर में एक जनसभा के दौरान ‘लाल टोपी मतलब दंगाई और हिस्ट्रीशीटर’ जैसे शब्दों का उपयोग किया है।
उन्होंने यहां तक कहा है कि ‘कैराना, मुजफ्फरनगर में जो गर्मी दिखाई पड़ रही है, वह सब शांत हो जाएगी।
इसके अलावा आगरा की एक जनसभा के दौरान ’10 मार्च के बाद बुलडोजर चलेगा’ कहा है।
सपा ने इसे धमकी देने वाली भाषा बताया है और कहा है कि,
एक राज्य के मुख्यमंत्री से इस तरह की भाषा की अपेक्षा नहीं की जा सकती। पार्टी ने इन बयानों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है।

UP Election 2022 : योगी आदित्यनाथ पर लगे रोक
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने अमर उजाला से कहा कि लोकतंत्र में एक पार्टी के चुनाव निशान,
लाल टोपी जैसे प्रतीकों को गुंडे और अपराधियों से जोड़ना सरासर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
भारत जैसे लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग को आचार संहिता लागू होने के दिन आठ जनवरी से अब तक के योगी आदित्यनाथ की भाषा पर संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें चुनाव लड़ने और चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय केवल एक कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं।
उन्हें नियम कायदों के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए।
यदि वे नियम-कानूनों का पालन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
अपराधियों के लिए की गई बात
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुंडे,
अपराधियों और दंगाइयों के लिए कठोर भाषा का इस्तेमाल किया है।
इस तरह के असामाजिक तत्त्वों के विरुद्ध कड़ी भाषा में ही बात की जानी चाहिए और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के नेता अखिलेश यादव और जयंत चौधरी हमेशा अपराधियों का बचाव करते रहे हैं।
जब भी यूपी सरकार ने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की है,
सपा-आरएलडी ने उन अपराधियों को जाति-धर्म के सुरक्षा कवच की आड़ लेकर उन्हें बचाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ की भाषा से किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।