लखनऊ गोसाईगंज
आज कल धोखा- धडी के मामलों को लेकर इन दिनों गोसाईगंज क्षेत्र में कस्बा अमेठी काफी चर्चा में है। यहां एक का विवाद शांत नहीं हो पाया कि दूसरा मैदान में खड़ा होकर तलवार भांजने लगा।इस मामले में प्राप्त हुए एक बिक्रय पत्र के अनुसार कस्बे के कजियाना वार्ड निवासी अब्दुल वहीद पुत्र अब्दुल रशीद ने अपनी 0.379 हेक्टेयर (एक बीघा छ: बिस्वा ) कृषि योग्य जमीन सात जुलाई 2020 को ग्यारह लाख रूपये में बेच दिया।

आपत्ति जताई गई
अब्दुल वहीद द्वारा बेची गई भूमि को रसूलपुर टिकनियमऊ निवासी रहबर आलम पुत्र शकील और मरखापुर निवासी मोहम्मद इमरान पुत्र फारुख ने खरीदी ली।जमीन के इस खरीद – फरोख्त के मामले को लेकर वही के निवासी अकील अहमद अच्छन खां,सजदा बानो ,हसरत खान, और कफील अहमद की ओर से आपत्ति जताई गई है।
बेचने वाले का हो चुकी मृत्यु
इन लोगो की ओर से अमेठी पुलिस चौकी, गोसाईगंज,तहसील दिवस और कल्ली पश्चिम के डी सी पी को प्रार्थना पत्र दे कर कार्यवाही करने की मांग की गई है।आपत्ति कर्ताओ की माने तो अब्दुल वहीद चालीस वर्ष पहले पाकिस्तान चले गए थे।जाने से पहले उन्होंने अपनी जमीन अकील अहमद आदि को सौंप दिया था ।जो अब कब्रगाह के रूप है। इस पर शीशम चिलवल और महुआ के लगभग 100 पेड़ लगे हुए हैं। आपको बता दे की वहीद का इंतकाल हो चुका है।

आश्चर्य के भाव
अब प्रश्न यह उठता है कि जब अब्दुल वहीद इस दुनियां में नहीं है तो उनके अभिलेखों में उनके नाम दर्ज जमीन को बेचा किसने है ? इस मामले को सुनने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आंखो में आश्चर्य के भाव आ जाते हैं । कुछ सुनने वाले ती व्यंग करते हुए कह देते है कि हो सकता है कि ऊपर वाले की दुनिया में भी अब्दुल वहीद को पर्याप्त सुविधाएं न मिल पा रही हो इसीलिए उसने इस धरती पर आकर अमेठी कस्बे की अपनी जमीन बेच दी और यहां से चला गया।
कब्रस्तान की जमीन को बेचने के लिए यह चाल
अमेठी में अब्दुल वाहिद के नाम वाली जमीन की बिक्री को लेकर हर जगह चर्चा सुनने को मिल रही है।लोगो का मानना है कि इस मोहल्ले में इसी नाम का (अब्दुल वहीद) एक दूसरा व्यक्ति भी था।अब वह भी इस दुनियां में नहीं है लेकिन उसका बेटा रसीद है । ।उसी ने रुपए कमाने के लालच में कब्रस्तान की जमीन को बेचने के लिए यह चाल चली और सफल रहा। उस व्यक्ति ने अपने को भी रईस पुत्र वहीद के स्थान पर वहीद पुत्र रसीद लिख कर दूसरे की कब्रस्तान वाली जमीन को कृषि योग्य भूमि बता कर बेच डाला ।
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गोसाईगंज से रवीन्द्र सिंह की रिपोर्ट