लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब राज्य में पीजी करने वाले डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी नौकरी करनी पड़ेगी. डॉक्टरों ने अगर बीच में नौकरी छोड़ी तो उन्हें एक करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से नौ दिसंबर को आदेश जारी कर दिया गया. सभी अस्पतालों में आदेश पहुंच गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के एक करोड़ का हर्जाना आदेश में साफ कहा गया है कि पीजी करने के बाद डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी अस्पताल में सेवा देनी होगी. यदि बीच में नौकरी छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें एक करोड़ रुपये की धनराशि प्रदेश सरकार को अदा करनी होगी. अधिकारियों को कहना सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने नीट में छूट की व्यवस्था की है. अगर डॉक्टर पीजी कोर्स अध्ययन बीच में ही छोड़ देता है. ऐसे डॉक्टरों को तीन साल के लिए डिबार कर दिया जाएगा. इन तीन सालों में वह दोबारा दाखिला नहीं ले सकेंगे.