लखनऊ। उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की परीक्षा में सेंधमारी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने जिला देवरिया बाईपास से गिरफ्तार किया है।
जिनके पास से 6100 रुपए की नकदी समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसटीएफ ने आरोपियों को देवरिया से दबोचा
एसटीएफ के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही के मुताबिक
मंगलवार को एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि मोडेन्टो वेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के केन्द्र संचालक अश्वनी दुबे, एनएसईआईटी गोरखपुर के कलस्टर हेड अनुभव सिंह, कबेलियर एनीमेशन सेन्टर एनएसईआईटी गोरखपुर के केन्द्र संचालक आशीष शुक्ला,
दीपक, दिवाकर उर्फ रिन्टू व सेनापति साहनी केन्द्र संचालक सिद्वि विनायक ऑनलाइन सेंटर गोरखपुर, नित्यानंद गौड, संतोष यादव, रजनीश दीक्षित ऑनलाइन सेंटर पर अभ्यर्थियों से पैसे लेकर परीक्षा केन्द्र के लैब व कमरें में अलग से बैठाकर नकल करवाने वाले हैं।
पैसे लेकर कुछ सदस्य देवरिया बाईपास तिराहे से रामगढ़ ताल थाने जाने वाली रोड पर मिलेंगे।
इसी सूचना पर टीम ने गोरखपुर निवासी अनुभव सिंह, जिला महाराजगंज निवासी नित्यानंद गौड और गोरखपुर निवासी सेनापति साहनी को देवरिया बाईपास के पास से धर दबोचा।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सेटिंग किए गए अभ्यर्थियों को सेंटर के अलग लैब या कमरें में बैठाकर उनकी परीक्षा के पेपर को हल करा देने की योजना थी लेकिन गोरखपुर के अभ्यर्थियों का सेंटर ही बदल गया।
जिसके चलते बड़े पैमाने पर योजना सफल नहीं हुई।
15 लाख में सॉल्व कराया जाता था पेपर
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि हम लोग साल्वर बैठा कर ऑनलाइन परीक्षा पेपर हल कराते हैं। इसके एवज में प्रति अभ्यर्थी से 15 लाख लिए जाते हैं।
आरोपी नित्यानन्द गौड़ ने पूछताछ के दौरान बताया कि 15 नवंबर को रजनीश दीक्षित ने दो अभ्यर्थियों की रोल नम्बर की स्लिप दी थी, जिसमें एक का सर नेम परिहार था।
जिन्हें मुझे अभ्यर्थी की जगह ले जाकर बैठा देना था। ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी के दौरान वास्ताविक अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक होने के बाद उन्हें बाहर कर उनके स्थान पर सॉल्वरों को बैठा दिया जाता है।
सेनापति ने पूछताछ पर बताया कि आशीष शुक्ला, दीपक और दिवाकर ने सेन्टर का सीसीटीवी फुटेज बन्द करके एक मशीन मंगायी थी, जिससे परीक्षा में नकल कराते।
दीपक और दिवाकर ऑन लाइन परीक्षा में साल्वर को बैठाते हैं, उनके इस काम में मैं पूरा सहयोग देता हूं।