तीन लाख में दी थी सुपारी, एसटीएफ यूपी ने किया खुलासा
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बीते दिनों नमकीन व्यवसायी अविनाश की सनसनीखेज हत्या से यूपी एसटीएफ ने पर्दा हटा दिया है। हत्या की साजिश रचने और हत्याकांड को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए एक स्विफ्ट कार समेत भारी मात्रा में माल बरामद किया है।
बताया जा रहा है कि अपनी बहन की आत्महत्या से आहत भाई ने अविनाश की हत्या की साजिश रची और तीन लाख में उनकी सुपारी दी थी।
उसी सुपारी का डेढ़ लाख रुपये वो सुपारी किलर को देने आया था और उसी दौरान एसटीएफ की टीम ने चारों को धर दबोचा।आरोपियों की पहचान क्रमशः सुमित कटियार व अनमोल कटियार निवासी कन्नौज व विशाल वर्मा व सुनील गुप्ता निवासी बाराबंकी के रूप में हुई।
एक स्विफ्ट कार के अलावा 3 एटीएम कार्ड, 7 मोबाइल फोन, 1 बाइक और 2 आधार कार्ड समेत डेढ़ लाख रुपय बरामद हुए।
क्या था मामला
एसटीएफ अधिकारी के अनुसार पीजीआई के वृंदावन निवासी अविनाश सिंह की सरोजनीनगर क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में नेक्स्ट जेन फूड फैक्ट्री है। 30 जनवरी को जब काफी देर तक अविनाश नही लौटे तो उनकी पत्नी ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
पीजीआई पुलिस जाँच कर रही थी कि अगले दिन ही पुलिस को सूचना मिली कि सरोजनीनगर इलाके में सूनसान इलाके के खाली प्लाट में शीशम के पेड़ से लटकते शव की सूचना मिली।
पुलिस ने मृतक की पहचान अविनाश के रूप में करी। इसके बाद मृतक की पत्नी ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया था।
व्यापारी कि हत्या से आक्रोशित व्याअपारियो के आक्रोश को देखते हुए यूपी एसटीएफ को मामले के अनावरण के निर्देश दिए गए थे। दिनांक 9 फरवरी को मुखबिर से मिली सूचना पर एसटीएफ ने हत्याकांड से पर्दा उठा दिया।
ये थी हत्या की वजह
गिरफ्तार अभियुक्तो ने बताया कि अविनाश की पत्नी निधि कटियार की मौसेरी बहन स्वर्गीय कामिनी का कानपुर निवासी प्रशांत से प्रेम संबंध था लेकिन दहेज की अत्यधिक मांग के चलते दोनों का विवाह न हो सका। इसके बाद कामिनी के घर वालों ने उनकी शादी संशाबाद के ब्लॉक प्रमुख के बेटे सुरजीत से तय कर दिया।
विवाह की तैयारियां चल रही थी कि नवम्बर 2020 में प्रशांत के घर वालों से अपने प्रेम संबंध की बात बता दी जिससे कामिनी की शादी होने से पहले ही टूट गयी। इससे छुब्ध होकर कामिनी ने आत्महत्या कर ली जिसका दुख उसका भाई सुमित कटियार भी नही झेल सका।उसने अपने दोस्त अनमोल कटियार से अविनाश की हत्या की साजिश रची और इसके लिए तीन लाख में बात तय हुई।
जिसकी बतौर पेशगी उसने 60 हजार दे दिए। 9 फरवरी को सुमित बचे हुए रकम में से डेढ़ लाख रुपये लेकर देने के लिए घैला पुल मड़ियांव के पास आया था। मुखबिर की सूचना पर एक्टिव हुई एसटीएफ के निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय, उप निरीक्षक पंकज सिंह समेत कई कॉन्स्टेबल की टीम गठित कर चारों को दबोच लिया गया। हत्या कारित करने वाले विशाल और सुनील ने तीन दिन लगातार रेकी करी थी।
30 जनवरी को जब अविनाश फैक्ट्री से निकला तो विशाल और सुनील ने उसे असलहे के बल पर ओवर पॉवर कर लिया। इसके बाद कानपुर रोड पर हाइवे से उतरकर सूनसान जगह पर कार में ही मफलर से गला घोंट दिया और फिर पेड़ से टाँग कर फरार हो गए थे।