Covid 19: साल के आखिरी महीने तक कोरोना की तीसरी लहर के आसार, महामारी से निपटने के लिए मजबूत तैयारी
By the last month of the year, the third wave of Corona expected, strong preparations to deal with the epidemic
नई दिल्ली। बीते वर्ष 2020 में कोरोना महामारी ने भारत में दस्तक दी थी। इसकी पहली से घातक दूसरी लहर है जो मौजूदा समय में हजारों लोगों को रोज मौत की नींद सुला रही है।
वहीं मई के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर के पीक तक पहुंचने की संभावना के बाद सरकार को अब इसकी तीसरी लहर की आशंका भी सताने लगी है।
बड़ा सवाल यह है कि कहीं तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक तो नहीं होगी और उससे निपटने के लिए देश कितना तैयार होगा।
वहीं एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन लगाकर तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को सही बताते हुए कहते हैं .
कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसको लेकर चिंतित हैं और इसे रोकने के उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
वैसे डा.मांडे यह भी मानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को स्पेनिश फ्लू की तीसरी लहर जैसी खतरनाक होने से बचा जा सकता है।
कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक कारगर हथियार है और वह हमारे पास है।
Covid 19: तीसरी लहर और खतरनाक तो नहीं
बड़ा सवाल यह है भी है कि कहीं तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक तो नहीं होगी और उससे निपटने के लिए देश कितना तैयार होगा।
वहीं एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन लगाकर तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है।

Covid19: अक्टूबर तक 15-20 फीसदी आबादी को टीके का दोनों डोज
एसबीआइ की ताजा इकोरैप रिपोर्ट भी डॉ. शेखर मांडे के दावे का समर्थन करती है। इस रिपोर्ट में दुनिया के विभिन्न देशों में टीकाकरण के अनुभवों के आधार पर दावा किया गया है कि ,
किसी भी देश में 15-20 फीसदी जनसंख्या को दोनों डोज लग जाने के बाद संक्रमण की रफ्तार स्थिर हो जाती है।
भारत में वैक्सीन के उत्पादन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की तैयारियों के आधार पर एसबीआइ ने अक्टूबर तक देश में लगभग 15 करोड़ डोज उपलब्ध होने का दावा किया है।
इतने डोज से भारत की 15 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज और 63 फीसद को पहला डोज लग चुका होगा। यानी करीब 7 फीसद आबादी को सुरक्षित हो चुकी होगी।
Covid19: पहली लहर सितंबर और दूसरी लहर की फरवरी में शुरूआत
नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फार कोविड-19 (नेगवैक) के सदस्य डॉक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार कोरोना की पहली लहर का पीक सितंबर में आया था। फिर चार महीने तक धीरे-धीरे मामले घटते गए।
दूसरी लहर की शुरुआत फरवरी में शुरू होकर मई में पीक तक पहुंचने के आसार हैं। मई में पीक के बाद अगले चार महीने तक कोरोना का प्रकोप कम होता रहेगा और उसके बाद ही तीसरी लहर की शुरुआत होगी।
तीसरी लहर का पीक आने में दो-तीन महीने का समय लगेगा। इस तरह अक्टूबर या नवंबर तक तीसरे चरण की शुरुआत होगी।