Moharram : खाकी केे पहरे में नम आंखों के साथ गूंजी या हुुसैैन की सदाएं
खुराफातियों पर नज़र रखने के लिए पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियां रही तैनात
लखनऊ : पिछले साल की तर्ज पर इस साल भी मोहर्रम में शहर की गलियां सुनी रहीं। नम आंखों के साथ अज़ादार अपनों घरों में इमाम हुसैन और उनकेे 72 साथियों की शहादत के कसीदे सुना रहे हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा मोहर्रम की चहल-पहल लखनऊ में दिखाई पड़ती थी।
मगर दो साल से मोहर्रम की चहल-पहल घरों में नज़रबंद हो गई। हालांकि, इसका असर उस तबके पर भी पड़ा है। जो हर साल ताजिया बनाकर अपना घर खर्च चलाते थे। लेकिन आज वह तबका घर खर्च चलाने के लिए लोगो के सामने मजबूर है।
देश व्यापी लॉकडाउन के बाद सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की थी। इसमें साफ तौर पर मोहर्रम के जुुलूस पर मनादी थी। इस साल भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत शासन ने मोहर्रम और ताजिया दफन को लेकर कुछ छूट भले ही दे दी है। लेकिन इसकी रंगत लखनऊ से पूरी तरह गायब दिखी।

रौजा-ए-आशरा से एक दिन पहले पुराने लखनऊ में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। लिहाजा पुराने शहर में पुुलिस टीम के साथ पीएसी, आरआरएफ बटालियन और खुफिया एजेंसी डेरा डाल चुकीं थी।

खुराफातियों पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे से नज़र रखी गई। शुक्र्रवार को औरतें ,आदमी और बच्चे या हुसैन की सदाओं के साथ सड़कों पर नंगे पैर कर्बाला तक जाते नजर आए। हालांकि देर शाम तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा।

Moharram : लापता रहीं सबीलें
दरअसल, राजधानी लखनऊ में सुबह से ही मोहर्रम पर उठने वाले जुलूस पर आसिफी इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, नक्खास, हैदरगंज, तालकटोरा रोड, एवररेडी चौराहा होते हुए कर्बाला में ताजिया दफन होती थी। इन जुलूस पर हजारों की तादाद में लोग शिरकत करते थे। जगह-जगह सबीले सजती थी।

जुलूस में शामिल होने वाले लोग इन सबील का लुफ्त लेते थे। लेकिन इस बार भी पुराने शहर से सबील लापता रहीं। मगर आशरा की ताजिये को लेकर शिया समुदाए में उत्साह दिखाई पड़ा। बच्चों के साथ महिला एंव पुरूष भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर नंगे पैर सड़कों पर कर्बाला तक सफर करते दिखाई पड़े।
बंद रहा व्यावासियक क्षेत्र
अमूमन हुसैनाबाद, चौक, सआदतगंज, नक्खास, अकबरीगेट, बिलौचपुरा, विक्टोरिया स्ट्रीट, हैदरगंंज, तालकटोरा रोड़ पर भीडभाड रहती है। इन जगहों पर लोगों को सड़क पार करने और भीड़भाड से निजात पाने के लिए काफी जद्दोजहत करनी पड़ती है। लेकि न शुक्रवार को इन इलाकोंं की गलियां सूनीं दिखी।

व्यापारियों ने बाज़ार बंद रखा। तो वहीं सड़कों पर पैदल चलने वालोंं की संख्या भी नाकाफी दिखी। पुराने शहर के तमाम व्यापारी ने एक दिन के व्यापार को दरकिनार कर मोहर्रम के शोग में डूबे रहे।
देर रात से लगी वैरिकेडिंग
मोहर्रम को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड़ में दिखाई पड़ा। एक दिन पहले भी पुराने शहर में भारी मात्रा में पुलिसफोर्स के साथ सुरक्षा व्यवस्था में जुटी तमाम टीमें संवेदनशील इलाकों पर मुस्तैद रहीं। तो वहीं सहादतगंंज, कश्मीरी मोहल्ला, हुसैनाबाद समेत पुराने शहर के कई संपर्क रास्तों पर पुलिस ने देर रात वैरिकेडिंग लगा दी थी। ताकि, इन रास्तों कोई भी अपना वाहन लेकर न जाए। इसके अलावा इन वैरिकेडिंग पर पुुलिस का एक दल भी मौजूद दिखा।

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने जताया अभार
यूपी में मोहर्रम सकुशल सम्पन्न होने पर देर शाम एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांंत कुुमार ने मुस्लिम धर्मगुरूओं सहित सभी लोगों का अभार जताया है। इसके अलावा ड्यूटी पर तैेनात रहे पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा की है।